roshi vs kariri: आदिवासी मीणा पंच पेटेल महापंचायत की अपील, 27 को प्रस्तावित सर्वसमाजी महापंचायत स्थगित हो

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Roshi vs Kariri: आदिवासी मीणा पंच पेटेल महापंचायत की अपील, 27 को प्रस्तावित सर्वसमाजी महापंचायत स्थगित हो

आदिवासी मीणा पंच पेटेल महापंचायत के प्रदेश प्रवक्ता रूपसिंह गोरेहार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करके बताया है कि करीरी एवं रोसीं प्रकरण में आदिवासी पंच पटेलों के 18.01.25 के निर्णय की समीक्षा करने का सर्वसमाजी महापंचायत को रूढिगत अधिकार नहीं है। अत: भैरव बाबा स्टेडियम में 27.01.25 को प्रस्तावित सर्वसमाजी विशाल महापंचायत के आयोजकों से अपील है कि महापंचायत स्थगित की जावे या इस सर्वसमाजी महापंचायत में करीरी एवं रोसीं मामले पर विचार नहीं किया जावे। 

 

प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि दि. 24.01.2025 को एक पर्चा (Pamphlet-पैम्फ़लेट) सोशल मीडिया पर समस्त ग्राम पंचायत करीरी, गाजीपुर, खानपुर, मेरेडा (टोडाभीम) करौली की ओर से जारी किया गया है। जिसमें दि. 27.01.25 को भैरव बाबा स्टेडियम में सर्वसमाज की महापंचायत आयोजित की जा रही है और अन्य बातों के अलावा इसमें प्रथम बिंदु में आदिवासी मीणा समुदाय से सम्बन्धित करीरी व रोंसी प्रकरण पर आदिवासी मीणा पंच पटेलों के पूर्व निर्णय पर समीक्षा हेतु विचार—विमर्श करना प्रस्तावित किया गया है। जो आदिवासी पुरखों की हजारों साल पुरानी रूढियों, परंपराओं और मानमर्यादा को ध्वस्त करने के समान कृत्य है।

 

अत: इस आपात स्थिति में आदिवासी मीणा पंच पटेल महापंचायत के प्रमुख सेवादारों और अनेक जिलों के पंच पटेलों द्वारा इस मामले पर दि. 24.01.25 को शाम 8.30PM से 9.30PM बजे तक टेलीफोनिक कॉन्फ्रेंस के जरिये गंभीरता पूर्वक विचार विमर्श किया गया। जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि दि. 27.01.25 को प्रस्तावित सर्वसमाज की विशाल महापंचायत के आयोजकों में शामिल आदिवासी मीणा पंच-पटेलों को सोशल मीडिया और प्रेस विज्ञप्ति के मार्फत निम्न जानकारी से अवगत करवाया जावे:-

 

1. भारत के संविधान और कानून में स्पष्ट प्रावधान किये गये हैं कि आदिवासियों के मामलों में केवल आदिवासी समुदाय के प्रमुख लोगों (पंच-पटेलों) को ही पुरखों की रूढियों और परम्पराओं के अनुसार निर्णय लेने और उन निर्णयों को लागू करने का अधिकार है।

2. भारत के संविधान के अनुच्छेद 13 (3) (क) में जिन रूढियों और परंपराओं को कानून का दर्जा दिया गया है, उन्हीं रूढियों के अनुसार देशभर के आदिवासियों की सभी स्तरों की पंचायतें और महापंचायतें आयोजित होकर निर्णय, अपील, समीक्षा करने और निर्णयों को लागू करने को अधिकृत हैं। आदिवासी मीणा समुदाय के पुरखे भी सदियों से इन्हीं रूढियों और परंपराओं के अनुसार निर्णय करते रहे हैं।

3. जारी किये गये उक्त पर्चे (Pamphlet-पैम्फ़लेट) से पता चलता है कि सर्वसमाज की प्रस्तावित विशाल महापंचायत आदिवासी मीणा समुदाय से सम्बन्धित रिश्तेदारी सम्बन्धी विवाद पर रोंसी में आदिवासी पंच पटेलों द्वारा किये गये निर्णय दिनांक: 18.01.25 पर विचार विमर्श करके उसकी समीक्षा करने हेतु बुलाई गई है, जो पूरी तरह से हमारी रूढियों, परंपराओं तथा हमारे पुरखों की मर्यादा के विरुद्ध है।

4. प्रस्तावित सर्वसमाजी विशाल महापंचायत के आयोजकों को सूचित किया जाता है कि आदिवासी मामलों पर केवल आदिवासी रूढियों के अनुसार आदिवासी समुदाय के प्रमुख पंच पटेल ही आदिवासी पंचायत या महापंचायत में विचार विमर्श कर निर्णय लेने, समीक्षा करने या अपील सुनने और अंतिम निर्णय लेकर, उन निर्णयों को लागू करने को अधिकृत हैं। अत: इस सर्वसमाजी विशाल महापंचायत को आदिवासी मीणा पंच पटेलों के किसी भी निर्णय की समीक्षा करने का कोई कानूनी या रूढिगत अधिकार नहीं है।

5. उपरोक्तानुसार प्रस्तावित सर्वसमाजी विशाल महापंचायत के आयोजकों में शामिल आदिवासी मीणा समुदाय के करीरी, गाजीपुर, खानपुर, मेरेडा टोडाभीम करौली के पंच पटेलों से अपील की जाती है कि आदिवासी समुदाय के महान मीणा पुरखों की रूढियों के विरुद्ध करीरी एवं रोंसी प्रकरण पर चर्चा करने हेतु 27.01.25 को प्रस्तावित उक्त सर्वसमाजी महापंचायत को तुरंत स्थगित करवाया जावे या इसमें करीरी एवं रोंसी प्रकरण पर चर्चा नहीं की जावे। आदिवासी मीणा समुदाय में जन्म लेने के कारण आपको ज्ञात होना चाहिए कि जब देश की संबसे बड़ी पंचायत यानी संसद और अदालतें हमारे मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती तो सर्वसमाजी विशाल महापंचायत द्वारा हमारी आदिवासी मीणा पंचायत के निर्णय की समीक्षा कैसे की जा सकती है? आश्चर्य होता है कि आदिवासी पुरखों की रूढियों के विरुद्ध सर्वसमाज से समीक्षा करवाने का निर्णय आपने कैसे लिया? इन हालातों में आप से अपील की जाती है और आपको विनम्र सुझाव दिया जाता है कि-

 

*“यदि करीरी एवं रोंसी प्रकरण में आदिवासी पंच पटेलों के पूर्व के निर्णय दिनांक: 18.01.25 की आप उच्च स्तर पर समीक्षा/अपील कर फिर से विचार विमर्श करवाना चाहते हैं तो कृपया हमारे पुरखों की रूढियों तथा परंपराओं के अनुसार निर्धारित रीति से आदिवासी मीणा पंच पटेलों की अग्रिम सहमति से करीरी एवं रोंसी गांवों से भिन्न किसी निष्पक्ष स्थान पर आदिवासी मीणा पंच पटेलों की देहात (धात) की पंचायत या एकाधिक जिलों की महापंचायत आयोजित करवाई जावे। जिससे आदिवासी मीणा पंच पटेलों द्वारा पुरखों की रूढियों और मानमर्यादा के अनुसार मामले की निष्पक्ष समीक्षा की जाकर समुदाय में सौहार्द और इंसाफ कायम रखा जा सके।”*

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अंत में आदिवासी मीणा पंच पटेल महापंचायत के प्रमुख सेवादारों और अनेक जिलों के पंच पटेलों द्वारा टेलीफोनिक कॉन्फ्रेस निर्णय अनुसार सोशल मीडिया पर अपील जारी करके और प्रेसविज्ञप्ति जारी करके कहा गया है कि उम्मीद की जाती है कि उक्त प्रस्तावित सर्वसमाजी महापंचायत के आयोजन में शामिल आदिवासी मीणा पंच पटेल इस अपील एवं निवेदन पर गंभीरतापूर्वक विचार कर इस सर्वसमाजी महापंचायत को तुरंत स्थगित करवाने या इसमें करीरी एवं रोंसी प्रकरण पर विचारण/समीक्षा नहीं करवाने का निर्णय लेकर आदिवासी मीणा समुदाय के महान पुरखों की मर्यादा कायम रखेंगे।

जारीकर्ता: रूपसिंह गोरेहार, प्रदेश प्रवक्ता आदिवासी मीणा पंच पटेल महापंचायत

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