Sawai Madhopur Rajasthan: मैनपुरा निवासी गरीब किसान की बेटी बनी असिस्टेंट प्रोफेसर
सवाई माधोपुर। एक गरीब किसान की बेटी का पिता के देहांत के बाद 2010 से 2024 तक का सफर हालांकि संघर्षमय गुजरा। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद उसने कभी भी हिम्मत नहीं हारी और अपने मुकाम पर पहुंच कर ही दम लिया। आपको बता दें कि शादी के बाद पति राकेश मीणा (नेत्र रोग विशेषज्ञ) ने भी अपनी धर्म पत्नी की पढ़ाई लिखाई में कभी कोई दखलंदाजी नहीं की बल्कि आगे की पढ़ाई के लिए उसका बखूबी साथ दिया। जिसके चलते अपने हौसले बुलंद रख मेनपुरा गांव की गरीब किसान की बेटी ने असिस्टेंट प्रोफेसर बनने तक का सफर पूरा करने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी। अपने पीहर सवाई माधोपुर के मैनपुरा गांव सहित राधा के ससुराल में भी बहु की उपलब्धि पर खुशी का माहौल है। शिक्षा के प्रति जागरूक एवं पढ़ाई में अव्वल किसान की बेटी राधा का सर्वप्रथम 2012 में पटवारी के पद पर चयन हुआ था । लेकिन वह यही नहीं रूकी और फिर 2012 में ही थर्ड ग्रेड अध्यापक के पद पर उसने कोटा जिले में जोइनिंग ली। इसके बाद शिक्षा के प्रति नतमस्तक राधा ने 2014 में सेकंड ग्रेड अध्यापक पद पर भवानीमंडी में पदस्थापन हांसिल किया। यह सिलसिला और आगे बढ़ा तो 2017 में वह व्याख्यता बनने में भी सफल रही। वर्तमान के चलते वर्तमान में राधा असिस्टेंट प्रोफेसर ( हिंदी ) के पद की शोभा बढ़ा रही है।वह भवानीमंडी झालावाड़ में कार्यरत रहकर अपनी निरन्तर सेवाएं दे रही है। 2010 में पिता के देहांत के बाद परिवार में रहकर परिवार को साथ लेकर चलने के साथ अपनी काबिलियत के सहारे कई पदों पर नौकरी करने वाली राधा न केवल सवाई माधोपुर जिले की होनहार बेटी के रूप में पहचान बनाने में सफल रही है बल्कि वह दूसरी और उच्च शिक्षा व रोजगार प्राप्त करने वाली महिलाओं के लिए भी प्रेरणास्रोत हैं। राधा ने जो कहा तो उसने सिद्ध कर दिखाया है। उसने यह साबित किया है कि विपरीत परिस्थितियों में भी लड़ा जा सकता है। उनकी मां श्रीमती गोवर्धनी देवी मीणा एक ग्रहणी है और उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां व पति सहित सभी गुरुजनों को दिया है।