रैणी मे इन्दिरा गांधी स्मार्टफोन लेने के लिए महिलाओ व लडकियो को रैणी प्रोग्रामर द्वारा मैसेज भेजकर बुलाया गया और फिर खाली हाथ ही लौटाया
आक्रोशित महिलाओ ने रैणी एसडीओ कार्यालय का घेराव किया और ज्ञापन देकर विरोध प्रदर्शन किया
रैणी एसडीओ को भी विधवा महिलाओ व लडकियो से सुननी पडी खरी खोटी
free smartphone yojana 2023: अलवर जिले के रैणी-उपखंड मुख्यालय पर स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय परिसर मे इन्दिरा गांधी स्मार्टफोन वितरण कार्यक्रम चल रहा था। इसको लेकर महिलाओ ने शनिवार को भी रैणी नसीया चौराहे पर जाम लगाने की कोशिश की थी लेकिन रैणी पुलिस प्रशासन ने रैणी तहसीलदार पृथ्वीराज मीना के बताये अनुसार शनिवार, इतवार की छुट्टी की बात बताकर मामले को शांत कर दिया।
फिर से रविवार शाम को 9:36 बजे रैणी प्रोग्रामर अरविन्द मीना ने रैणी पंचायत व बबेली पंचायत और जामडोली पंचायत तथा माचाड़ी पंचायत के पात्र जनाधार परिवार की महिलाओ व लडकियो को लिस्ट मे क्रमांक 126 से 225 तक के 100–100 लाभार्थियो को सोमवार को 9:30 बजे स्मार्टफोन फोन लेने के लिए मैसेज भेजकर बुलाया गया। ओर बेचारी विधवा गरीब महिलाऐ व बोर्ड क्लास की लडकिया भी भूखी प्यासी 10–15 किलोमीटर दूर से चलकर आ गई और जब स्मार्टफोन वितरण कार्यक्रम मे आई तो उनको मना कर दिया गया।
आक्रोशित महिलाओ ने रैणी एसडीओ कार्यालय पर भी जाकर उपखण्ड अधिकारी गौरव मित्तल को सारी आपबीती बताई ।और कई विधवा मजदूर महिलाओ ने तो रैणी एसडीओ को रो रो कर बताया कि हम 4–5 दिन से रोज रोज 40–40 रुपए किराये लगाकर आती है। और मजदूरी भी छोड़कर आते है। और खाली हाथ लोट जाते है। और इसी तरह से बोर्ड क्लास मे पढने वाली लडकियो ने भी इस सम्बन्ध मे रैणी एसडीओ को खरी खोटी सुनाई कि हमारी बोर्ड क्लास है और 4—5 दिन से स्कूल नही जा रही है। और मोबाइल भी नही मिल रहा है।
बाद मे सभी महिलाओ व लडकियो ने मिल कर रैणी उपखण्ड अधिकारी गौरव मित्तल को ज्ञापन भी सौपा।
इधर रैणी एसडीओ गौरव मित्तल ने इस सम्बन्ध मे मिडिया को बताया कि मोबाइल सिम उपलब्ध नही हो पाई थी इसलिए इनको सभी को सोमवार को भी इन्दिरा गांधी स्मार्टफोन वितरण नही करा सके। महिला मीरा प्रजापत माचाड़ी ने बताया कि मेरे फोन पर मैसेज आने के बावजूद भी मुझे फोन नहीं दिया गया और मैं करीब 5 दिनों से रैणी चक्कर काट रही हूं लेकिन किसी ने मुझे मोबाइल नहीं किया जबकि मेरे मोबाइल पर मैसेज आया हुआ है और मैं एक विधवा महिला हूं मेरा भामाशाह और जन आधार कार्ड भी बना हुआ है। मेरे छोटे-छोटे बच्चे हैं। मैं उनका मजदूरी कर पालन पोषण कर रही हूं। और मैसेज आने के बावजूद भी मुझे फोन नहीं दिया गया।