समय की कीमत – राष्ट्रीय संत स्वामी कमल दास जी बापू
राजगढ: दिनांक11अक्टूबर 2023 दिन बुधवार ! अलवर जिले राजगढ के श्री देव जी महाराज के मंदिर में चल रही संगीतमय श्री शिव महा पुराण कथा में श्री चित्रकूट धाम शिवरामपुर उत्तर प्रदेश से पधारे श्री शिवमहापुराण कथा के राष्ट्रीय कथावाचक राष्ट्रीय संत स्वामी कमल दास जी बापू ने आज चौथे दिन शिव जी के ब्रतो की कथा एवं सती जन्म की कथा सुनाई !उन्होंने कहा कि कल्पना कीजिए कि आपके पास एक बैंक अकाउंट है और हर रोज सुबह उस बैंक अकाउंट में 86,400 रूपये जमा हो जाते है, जिसे आप उपयोग में ले सकते है| आप रूपयों को बैंक अकाउंट से निकाल कर अपनी तिजोरी में जमा करके नहीं रख सकते| इस बैंक अकाउंट में कैरी फोरवर्ड का सिस्टम नहीं है यानि कि जिन रूपयों को आप उपयोग में नहीं ले पाते, वह रूपये शाम को वापस ले लिए जाते है और आपका अब उन पर कोई अधिकार नहीं रहता | यह बैंक अकाउंट कभी भी बंद हो सकता है| हो सकता है कि कल ही यह बैंक अकाउंट बंद हो जाए या फिर 2 वर्ष बाद या फिर 50 वर्ष बाद| लेकिन इतना तो निश्चित है कि यह बैंक अकाउंट एक दिन जरूर बंद होगा|
ऐसी परिस्थिति में आप क्या करेंगे ? जाहिर है आप पूरे के पूरे 86,400 रूपयों का उपयोग कर लेंगे और इन 86,400 रूपयों का उपयोग अच्छे कार्यों के लिए करेंगे क्योंकि यह बैंक अकाउंट कभी भी बंद हो सकता है| क्या आप जानते है कि ऐसा ही एक बैंक अकाउंट हमारे पास होता है जिसका नाम है “जिंदगी (Life)” और इस “जीवन” रुपी बैंक अकाउंट में प्रतिदिन 86,400 सेकंड्स जमा होते है जिनका उपयोग कैसे करना है यह हम पर निर्भर करता है| हम चाहें तो इन 86,400 सेकंड्स का उपयोग बेहतरीन कार्यों के लिए कर सकते है और अगर ऐसा नहीं करते तो यह व्यर्थ हो जाएंगे| यह जीवन रुपी बैंक अकाउंट कभी भी बंद हो सकता है इसलिए देर मत कीजिए आपके जीवन का हर पल अमूल्य है इसलिए समय का सदुपयोग कीजिए|
अगर किसी को भी ऐसा बैंक अकाउंट दे दिया जाए जिसमें रोज 86,400 रूपये जमा हो तो वह व्यक्ति बहुत खुश हो जाएगा और एक रूपया भी व्यर्थ नहीं गवाएंगा | क्या हमारे जीवन के एक सेकंड की कीमत एक रूपये से भी कम है| हम कैसे अपने जीवन की सबसे अनमोल सम्पति को ऐसे ही व्यर्थ गँवा सकते है| खोया हुआ धन फिर कमाया जा सकता है, लेकिन खोया हुआ समय वापस नहीं आता| उसके लिए केवल पश्चाताप ही शेष रह जाता है। हर एक दिन को व्यर्थ गंवाना आत्महत्या करने के समान है| बिना समय प्रबंधन के आज तक कोई भी सफल नहीं हुआ|
कबीर दास जी का यह छोटा सा दोहा, जीवन का सबसे बड़ा मंत्र बता देता है-
काल करै सो आज कर, आज करै सो अब।
पल में परलै होयेगी, बहुरी करेगा कब।।
बीते हुए कल को भूल जाइए, उसका आज कोई वजूद नहीं| आज आपका है, आज एक नयी शुरुआत कीजिए| “जो व्यक्ति अपने समय को नष्ट कर देते है, समय उन्हें नष्ट कर देता है।’’
कथा सुनने वालों में कल की तरह आज भी बडी संख्या में माताएं बहनें उपस्थित रहीं!