Dr. Shyama Prasad mukharji: डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान राष्ट्रवाद की अमिट मिसाल: मदन राठौड़
जयपुर: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे राष्ट्रभक्ति, सांस्कृतिक चेतना और राजनीतिक शुद्धिकरण के प्रेरणास्रोत हैं। उनका संपूर्ण जीवन एक विचार, एक उद्देश्य और एक समर्पण का प्रतीक रहा।
राठौड़ ने कहा कि डॉ. मुखर्जी का परिवार स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ा था और उन्हें राष्ट्रवाद की भावना विरासत में मिली। बंगाल विभाजन के विरोध में उन्होंने विधानसभा से इस्तीफा देकर चुनाव लड़ा और जनता की आवाज बने। स्वतंत्र भारत की पहली सरकार में मंत्री बनने के बाद जब उन्होंने तुष्टीकरण की नीति और सांस्कृतिक अपमान देखा तो उन्होंने पद छोड़ दिया।
कश्मीर मुद्दे पर मुखर्जी का स्पष्ट मत था कि भारत में दो विधान, दो निशान और दो प्रधान स्वीकार नहीं होंगे। इसी संकल्प के तहत उन्होंने बिना अनुमति कश्मीर प्रवेश किया और 23 जून 1953 को उनका बलिदान हुआ, जिसकी जांच तक सरकार ने नहीं करवाई।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि “मुखर्जी के लगाए पौधे को अटल जी ने सींचा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह वटवृक्ष बन गया है। अनुच्छेद 370 हटाकर मोदी जी ने कश्मीर को भारत का पूर्ण अंग बनाया, जो डॉ. मुखर्जी के बलिदान को सच्ची श्रद्धांजलि है।”
कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी, प्रेमचंद बैरवा, कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, अशोक परनामी, अरुण चतुर्वेदी, नाहर सिंह जोधा, जिलाध्यक्ष अमित गोयल, विधायक गोपाल शर्मा, बालमुकुंदाचार्य, कैलाश वर्मा, शैलेंद्र भार्गव, संजय जैन, रवि नैय्यर और चंद्र मोहन बटवाडा सहित अनेक नेता उपस्थित रहे।
अंत में राठौड़ ने सभी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे डॉ. मुखर्जी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाएं और उनके सपनों का भारत बनाने में योगदान दें।