Religious News: तपस्वियों से गेंजी गांव बना तपोवन
गेंजी आचार्य सुनील सागर जी के सुशिष्य मुनि श्री सुधीन्द्र सागर का सानिध्य वासुपूज्य जिनालय में उत्तम तप धर्म मनाया समाज सेवी अनिल जैन अजब लाल जैन ने यह जान कारी देते हुए बताया मुनि श्री के सोलह उपवास चलते आज बारहवां मयंक भैया के बारहवां मासोप्वासी महेंद्र भैया के अट्ठाइसवा उपवास है अन्य भक्तजन महिला पुरुष में सत्रह जनो के आज सातवा उपवास चल रहा है तथा इन्होंने आगे बताया मुनि श्री ने गेंजी गांव को तपोवन का हवाला देते हुए कहा इस गांव में बीस बीस तपस्वी अनशनतप की साधना कर रहे है तपस्वियों का माहोल देखकर यह गेंजी गांव नही गेंजी गांव तपोवन में तबलील हो गया है मुनि श्री ने कहा प्रथम चार दिन चारो कषाय का त्याग कर पांचवे दिन सत्य को जान कर जीवन के मूल्य को पहिचान कर छटवे दिन संयम को धारण कर के आज सातवे दिन छे प्रकार के बाह्य तप छे प्रकार के अंतरंग तप की उत्कृष्ट साधना कर रहे है आगे कहा सोने की डली को गहने का रूप लेने के लिए , दूध को मावा बनने के लिए , आम रस को आम पाक बनने के लिए भट्टी पर तपना पड़ता है ऐसे ही आठ कर्म संसार में परिभ्रमण कराने वाले कर्मो को जलाने के लिए भक्त से भगवान बनने के लिए कठोर तप की साधना करना आवश्यक है आगे विशेष रूप से कहा तपाशरण के लिए कमाए हुए धन संपदा परिग्रह को छोड़ देना किंतु पुनः छोड़े हुए वैभव को भोगने की लालसा में तप को कभी मत छोड़ना क्यों की सतयुग में उत्तम सहनन शरीर धारक हजार वर्ष तप कर के जितनी निर्जरा होती थी उतनी निर्जरा आज पंचम काल में हिन सहनन शरीर धारी होते हुए भी उतनी निर्जरा मात्र एक वर्ष में हो जाती है अर्थात तप से सतयुग से भी कलयुग में अधिक लाभ होता है समाज के मजबूत स्तंभ अजय कुमार जयंतीलाल केतन कुमार केशव लाल संदीप कुमार राजेंद्र शुभम शांतिलाल संयम अजय कुमार जुगनू दिलीप भारत प्लास्टिक हर्षद जैन नानू जैन क्षेत्र के दूर-दूर से उदयपुर बांसवाड़ा केसरी जी सलूंबर अनुमोदन करने पधारे श्रावक….?