Dungri bandh news: डूंगरी बांध विवाद: विस्थापन के डर से ग्रामीणों का तीव्र विरोध, सरकार बोली केवल 7-8 गांव प्रभावित
सवाई माधोपुर: पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) के तहत डूंगरी बांध निर्माण को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। प्रशासनिक स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन स्थानीय लोग बड़े स्तर पर इसका विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह परियोजना 76 गांवों को डुबो देगी और हजारों परिवारों को विस्थापित होना पड़ेगा।
ग्रामीणों का विरोध और आरोप
- अन्यायपूर्ण परियोजना : ग्रामीणों ने बांध को अनावश्यक और अन्यायपूर्ण बताते हुए तुरंत रद्द करने की मांग की है।
- विस्थापन का खतरा : ग्रामीणों का दावा है कि 76 गांव डूब जाएंगे, जिससे उनकी आजीविका, घर और संस्कृति बुरी तरह प्रभावित होगी।
- प्रशासन की अनदेखी : बार-बार विरोध, ज्ञापन और महापंचायत के बावजूद सरकार उनकी बात नहीं सुन रही है।
- औद्योगिक एजेंडा : ग्रामीणों का आरोप है कि यह बांध आम जनता के लिए नहीं बल्कि बड़े उद्योगों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाया जा रहा है।
सरकार का पक्ष
राजस्थान सरकार की ओर से मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने स्पष्ट किया है कि
- सिर्फ 7-8 गांव प्रभावित होंगे, न कि 76।
- प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा और पुनर्वास मिलेगा।
- परियोजना को पूर्वी राजस्थान की जीवनरेखा बताते हुए उन्होंने इसे सरकार की प्राथमिकता बताया।
आंदोलन की रणनीति
- ग्रामीण संवैधानिक और गांधीवादी तरीकों से आंदोलन कर रहे हैं।
- कलेक्टरेट पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप चुके हैं।
- चेतावनी दी है कि अगर परियोजना रद्द नहीं हुई, तो आंदोलन उग्र रूप लेगा और विधानसभा तक पहुंचेगा।
आगे क्या?
ग्रामीणों ने सरकार से डूंगरी बांध परियोजना की DPR (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट), नक्शा और प्रभावित गांवों की सूची सार्वजनिक करने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि पारदर्शिता नहीं बरती गई, तो जनता का गुस्सा सड़कों पर दिखाई देगा।