Bandikui Dausa News: बड़ियाल कलां में पंचायत समिति का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर चल रहा जनसंघर्ष नौवें दिन उबाल पर पहुंच गया है। अनशन पर बैठे संतोष कटारा की तबीयत गंभीर होने के बाद उन्हें दौसा जिला अस्पताल रेफर किया गया, जिसके बाद ग्रामीणों का आक्रोश और तेज हो गया।
दौसा/बांदीकुई: बड़ियाल कलां में पंचायत समिति का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर जारी जनसंघर्ष ने मंगलवार को और उग्र रूप ले लिया। आंदोलन के दौरान अनशन पर बैठे संतोष कटारा की तबीयत अचानक बिगड़ने के बाद उन्हें बांदीकुई अस्पताल में प्राथमिक उपचार देकर दौसा जिला अस्पताल रेफर किया गया। चिकित्सकों ने उन्हें नाजुक हालत में बताया है। यह आंदोलन का नौवां दिन और अनशनकारियों का छठा दिन है। संघर्ष समिति ने संतोष कटारा की बिगड़ती तबीयत के लिए सरकार की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराते हुए चेतावनी दी है कि अब आंदोलन अपने निर्णायक मोड़ पर प्रवेश कर चुका है।
⛔ कल से पंचायतों में ‘सरकारी कामकाज लॉकडाउन’
समिति ने घोषणा की है कि कल से क्षेत्र की सभी पंचायतों में सरकारी कामकाज पूरी तरह ठप किया जाएगा, इसके साथ ही परसों धरना स्थल पर सरकार को सद्बुद्धि दिलाने के उद्देश्य से महायज्ञ का आयोजन होगा।
💧अनशनकारियों की सेवा में जुटी टीम
धरना स्थल पर सुरेंद्र कुमार मोटूका और पवन भजाक लगातार अनशनकारियों की देखभाल में लगे हुए हैं। पानी, दवाइयों और अन्य सुविधाओं का पूरा प्रबंधन वही संभाल रहे हैं।
👥 हजारों लोगों के जुटने की तैयारी
बड़ियाल कलां और गढ़मेडी क्षेत्र से राहुल सरपंच के नेतृत्व में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने आगामी महाविशाल महापंचायत में हजारों की भीड़ के साथ पहुंचने का ऐलान किया है।
धरना स्थल पर आज प्रमुख ग्रामीण नेता—
क्रांतिकारी भंवर सिंह मैडी, सियाराम गुर्जर, गुलाब सिंह कुशवाह, ताराचंद सैनी, डॉ. शंकर सैनी, चतर सिंह बांसड़ा, रघुवीर सिंह —उपस्थित रहे। उन्होंने सरकार की चुप्पी को “जनता का अपमान” बताते हुए कहा कि “अब संघर्ष अंतिम पड़ाव तक जाएगा, जनता पीछे हटने वाली नहीं।”
💪 ‘हक की लड़ाई’ पर अड़े अनशनकारी
एक अन्य अनशनकारी समय सिंह बांसड़ा भी लगातार छठे दिन बिना अन्न ग्रहण किए संघर्षरत हैं। कमजोरी बढ़ने के बावजूद उनका हौसला बुलंद है। उन्होंने साफ कहा— “जब तक पंचायत समिति का दर्जा नहीं मिलता, संघर्ष जारी रहेगा।”
🔺 अगले तीन दिन होंगे निर्णायक
संघर्ष समिति के मुताबिक आने वाले तीन दिन आंदोलन की दिशा तय करेंगे। घर-घर जाकर जनजागरण अभियान चलाया जाएगा
तीन दिन बाद होने वाली महाविशाल महापंचायत अब तक की सबसे बड़ी होगी पूरा क्षेत्र एक स्वर में न्याय और पंचायत समिति के दर्जे की मांग उठाएगा
ग्रामीणों का कहना है—
“अब फैसला सरकार को करना है—या समाधान दे, या फिर जनता की लहर का सामना करे।”
